विचार कभी सामान्य नहीं होते

विचार तो मन में आते हैं लेकिन हम उन्हें सही दिशा नहीं दे पाते। अपनी आंखों के सामने हर पल कुछ नया देखते हैं लेकिन उसके बारे में सोच नहीं पाते, अगर सोचते हैं तो शब्दों में ढ़ालना मुश्किल है। शब्दों में ढ़ाल भी दें तो उसे मंच देना और भी मुश्किल है। यहां कुछ ऐसे ही विचार जो जरा हटकर हैं, जो देखने में सामान्य हैं लेकिन उनमें एक गहराई छिपी होती है। ऐसे पल जिन पर कई बार हमारी नजर ही नहीं जाती। अपने दिमाग में हर पल आने वाले ऐसे भिन्न विचारों को लेकर पेश है मेरा और आपका यह ब्लॉग....

आपका आकांक्षी....
आफताब अजमत



Saturday, March 29, 2008

बिहार में पाप


बिहार में हुई घटना को समाज की नीचता कहे या अराजकता आए दिन इस प्रकार की घटनाये वहाँ आम बात हो गई हैजनता कानून अपने हाथ में लेने में ज़रा भी हिचकिचाती नही हैसवाल इस बात को लेकर है की इस प्रकार की बातो से शाशन क्या रूख अपनाता है? पिछले दिनों इस प्रकार की अनेक घटनाये देखने को मिली कुछ लोगो ने चोरो को मार मार कर मौत के घाट सुला दियाएक बच्चे की चोरी का इल्जाम देकर पिटाई की गई तीन लोगों की चोरी के जुर्म में आँखे निकल ली गईइस तरह की न जाने कितनी घटनाये है जो निरंतर जनता का कानून से विश्वास घटा रही हैजाने कितनी महिलाओं को भूत बता कर मार दिया जाता हैकोण रोकेगा इस अराजकता को? ज़रूरी है की इसके ख़िलाफ़ प्रशासन को कठिन कदम उठाने होंगे लोगो में कानून के प्रति जागरूकता लानी होगी