
बिहार में हुई घटना को समाज की नीचता कहे या अराजकता आए दिन इस प्रकार की घटनाये वहाँ आम बात हो गई हैजनता कानून अपने हाथ में लेने में ज़रा भी हिचकिचाती नही हैसवाल इस बात को लेकर है की इस प्रकार की बातो से शाशन क्या रूख अपनाता है? पिछले दिनों इस प्रकार की अनेक घटनाये देखने को मिली कुछ लोगो ने चोरो को मार मार कर मौत के घाट सुला दियाएक बच्चे की चोरी का इल्जाम देकर पिटाई की गई तीन लोगों की चोरी के जुर्म में आँखे निकल ली गईइस तरह की न जाने कितनी घटनाये है जो निरंतर जनता का कानून से विश्वास घटा रही हैजाने कितनी महिलाओं को भूत बता कर मार दिया जाता हैकोण रोकेगा इस अराजकता को? ज़रूरी है की इसके ख़िलाफ़ प्रशासन को कठिन कदम उठाने होंगे लोगो में कानून के प्रति जागरूकता लानी होगी