
बढ़ती महंगाई के लिए किसे जिम्मेदार बताये ?सरकार को या जनता को या फ़िर खेत मी पसीना बहने वाले किसान को?दिनों-दिन भद रही महंगाई से आम आदमी के माथे पर लकीरे खींच दी तौ सरकार भी बेचैन नज़र आ रही हैइस पर विचार करना ज़रूरी हैमहंगाई की डर पर सरकार लगाम लगाने में कामयाब नही हो पा रही हैसरकार ने आज दालो के आयात पर जो पाबन्दी लगाई है स्वागत योग्य हैपरन्तु हमे ज़रूरी है की हम उन किसानों के लिए भी कुछ करे जो रात-दिन एक करके पसीने से सींचकर फसल उगते हैउन्हें जब सब्सिडी नही दी जायेगी तौ वो कहा तक अपना और जनता का पेट पल सकते है?बजट में किसानों का क़र्ज़ माफ़ करके क्या एहसान किया है?सरकार को चाहिए की उनको जेरो दरो पर पैसा उपलब्ध कराये साथ-साथ उन्हें मेडिकल जैसी सुविधाये भी दी जनि चाहिएइससे न केवल किसानों की तरक्की होगी बल्कि समाज जिस समस्या से झूज रहा है,उसका भी निदान होगा