तुम मेरे साथ हो रोशन है आंगन मेरे दिल का
तुम न होती तो रोशनी कहां से लाता
कह देते एक बार भी मुझे
चांद-तारे मैं तोड़ लाता
हवाओं का रुख मैं मोड़ लाता
तुम मेरे साथ हो रोशन है आंगन मेरे दिल का।।
मोहब्बत का दर्द समझ जाता मैं
गर प्यार की भाषा में कह पाता
शब्दों को जोडऩा न सीख पाता मैं
इश्क की महकार से गुलजार गर न होता
तुम मेरे साथ हो रोशन है आंगन मेरे दिल का।।
बेशक इश्क की राहों का अंजान था मैं
तुम आसरा न देती तो भटक जाता
तूफानों से सामना न हुआ था कभी
तुम न होती तो भंवर में डूब जाता
तुम मेरे साथ हो रोशन है आंगन मेरे दिल का
तुम न होती तो रोशनी कहां से लाता।।
--फॉर माई लविंग वाइफ
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