विचार कभी सामान्य नहीं होते

विचार तो मन में आते हैं लेकिन हम उन्हें सही दिशा नहीं दे पाते। अपनी आंखों के सामने हर पल कुछ नया देखते हैं लेकिन उसके बारे में सोच नहीं पाते, अगर सोचते हैं तो शब्दों में ढ़ालना मुश्किल है। शब्दों में ढ़ाल भी दें तो उसे मंच देना और भी मुश्किल है। यहां कुछ ऐसे ही विचार जो जरा हटकर हैं, जो देखने में सामान्य हैं लेकिन उनमें एक गहराई छिपी होती है। ऐसे पल जिन पर कई बार हमारी नजर ही नहीं जाती। अपने दिमाग में हर पल आने वाले ऐसे भिन्न विचारों को लेकर पेश है मेरा और आपका यह ब्लॉग....

आपका आकांक्षी....
आफताब अजमत



Sunday, October 12, 2008

आंतकवाद के लिए कौन जिम्मेदार?


देहरादून। हाल ही में देलही में हुवे बम धमाको का सच सामने आने से पहले ही देलही पुलिस ने एक काम को अंजाम दिया। लेकिन इस एनकाउंटर के पीछे भी एक झोल नज़र आ रहा है। वह है इंसपेक्टर की मौत पर सवालिया निशाँ। कहा जा रहा है की इंसपेक्टर की मौत आंतकवादियों की गोली से नही बल्कि किसी और वजह से हुई है। अब यह वजह क्या है,कोई नहीं जानता। लेकिन इतना ज़रूर हो गया है की कही न कही इसके लिए हम ही जिम्मेदार है। या फ़िर हमारा सुरक्षा तंत्र.

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