विचार कभी सामान्य नहीं होते

विचार तो मन में आते हैं लेकिन हम उन्हें सही दिशा नहीं दे पाते। अपनी आंखों के सामने हर पल कुछ नया देखते हैं लेकिन उसके बारे में सोच नहीं पाते, अगर सोचते हैं तो शब्दों में ढ़ालना मुश्किल है। शब्दों में ढ़ाल भी दें तो उसे मंच देना और भी मुश्किल है। यहां कुछ ऐसे ही विचार जो जरा हटकर हैं, जो देखने में सामान्य हैं लेकिन उनमें एक गहराई छिपी होती है। ऐसे पल जिन पर कई बार हमारी नजर ही नहीं जाती। अपने दिमाग में हर पल आने वाले ऐसे भिन्न विचारों को लेकर पेश है मेरा और आपका यह ब्लॉग....

आपका आकांक्षी....
आफताब अजमत



Monday, October 27, 2008

मुंबई में हाल ही में पुलिस द्वारा किया एनकाउंटर एक बार फ़िर से सुर्खियों में है, एक युवक ने बस हिजैक की तौ उसे इसकी सज़ा मौत के रूप में मिली। सवाल ये है की बुरे हालत में जबकि युवक ने कोई भी नुक्सान नही किया था। पुलिस एक बार फ़िर से घिरी नज़र आ आ रही है। क्या उत्तर भारतीय और महाराष्ट्र का मुद्दा देश को बांटने का काम नही कर रहा हैं ? लेकिन हालत ऐसे हो गए हैं की उत्तर भारतियों को तौ आदर स्टेट में नौकरी भी करनी मिश्किल हो गई है। कोण सन्हालेगा इस गाँधी के देश को?

5 comments:

Prakash Badal said...

दीपावली के शुभ मौके पर चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है। आपकी लेखन शैली अच्छी है। सक्रिय लेखन के लिए शुभकामनाएं स्वीकार करें। खुद भी लिखें और दूसरों को भी अपनी प्रतिक्रियाओं से लिखने के लिए प्रेरित करते रहे।
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वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें तो लोगों को कमेंटियाने में सहूलियत होगी।

हिन्दीवाणी said...

स्वागत है आपका। कोशिश करें कि सक्रियता बनी रहे और दूसरों के ब्लॉगों को भी देखने का समय निकालें।

प्रदीप मानोरिया said...

सुंदर अद्भुत आपका ब्लॉग जगत में स्वागत है
मेरे ब्लॉग पर पधारें

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

ye to aise hee chaleha
narayan narayan

रचना गौड़ ’भारती’ said...

स्वागत है आपका।