विचार कभी सामान्य नहीं होते

विचार तो मन में आते हैं लेकिन हम उन्हें सही दिशा नहीं दे पाते। अपनी आंखों के सामने हर पल कुछ नया देखते हैं लेकिन उसके बारे में सोच नहीं पाते, अगर सोचते हैं तो शब्दों में ढ़ालना मुश्किल है। शब्दों में ढ़ाल भी दें तो उसे मंच देना और भी मुश्किल है। यहां कुछ ऐसे ही विचार जो जरा हटकर हैं, जो देखने में सामान्य हैं लेकिन उनमें एक गहराई छिपी होती है। ऐसे पल जिन पर कई बार हमारी नजर ही नहीं जाती। अपने दिमाग में हर पल आने वाले ऐसे भिन्न विचारों को लेकर पेश है मेरा और आपका यह ब्लॉग....

आपका आकांक्षी....
आफताब अजमत



Friday, January 16, 2009

उल्टा कर दिया सबकुछ


कौन जनता था की एक दिन अपना किया ही सब कुछ पलट देगा। माय्तास ने ऐसा पलता मारा की सत्यम ही उलट गया। राजू ने सपने में भी नही सोचा होगा की उसके बेटे की कम्पनी ही उसके लिए मुसीबत बन जायेगी। अब साँप निकल गया तौ लकीर को पीटने से क्या फायदा.

No comments: