राखी भड़कीले कपड़े पहनती है। वो सबको एक ही नजर से देखती है। वो नजर जो हर मर्द को बुरी लगे। राखी का लहजा बेहद तल्ख है, इतना तल्ख की उसके शब्द कानों में कड़वाहट भर दें। राखी हाल में ही एक मर्द की मौत की वजह बनी। राखी बोलती है तो टीवी देखने वालों के हाथ रिमोट पर हरकत करना बंद कर देते हैं। मन गालियां देता है, कोसता है लेकिन सब उसे ही देखते हैं। हर किसी की जुबान पर राखी का नाम अपशब्दों के साथ ही आता है। मैं आज कह रहा हंू कि राखी निर्दोष है।
एक छोटे से घर और फैमिली में पैदा हुई राखी, बदनाम राखी नहीं थी। वो भी पढ़ लिखकर आगे बढऩा चाहती थी। कुछ बनना चाहती थी। लेकिन हमारा समाज, इस समाज ने ही तो उसे इस मुकाम तक पहुंचा दिया है। राखी को दसवीं के बाद पढऩे से रोकने की नाकाम कोशिशें की गई। उसके मन में दुनिया में अपना नाम कमाने का जुनून सवार था तो वह आगे बढऩे के लिए नित नए प्रयास करती रही। राखी ने शुरुआत की मिक्का के चुंबन से। मिक्का का एक चुंबन ने राखी को रातोंरात चमक धमक की दुनिया की मल्लिका बना दिया। विवादों से सुर्खियों में आने के बाद अगर कामयाबी जारी रखना है तो विवाद लगातार जारी रखने होंगे। कभी शरीफ तरीकों से कामयाबी हासिल करने की तमन्ना रखने वाली राखी को समाज ने इतना दुत्कारा कि वो विवादों की राह पर निकल पड़ी। इसमें राखी की गलती क्या है? हम राखी को हमेशा से ही गलत मानते हैं लेकिन अगर वो इंडिया की लड़कियों की आदर्श बन रही है तो इसमें बुरी बात नहीं है। आखिर ऊपर से बुरी दिखने वाली राखी अंदर से इतनी बुरी भी नहीं है। भले ही वह गलत राह पर चलकर कामयाब हुई हो लेकिन इसके पीछे उसका हार्ड वर्क और हाई पैशन भी रहा है। अपने टारगेट को लेकर उसकी एकाग्रता भी कम नहीं है। यह बात अलग है कि वह विवाह को मजाक मानती है लेकिन मर्दों की दुनिया में उसे जिस तरह का तिरस्कार मिला है, वह अगर औरतों की दुनिया किसी मर्द को मिल जाए तो वह भी ऐसा ही बन जाएगा। सामाजिक प्राणी होने के नाते मैं राखी के गलत व्यवहार का विरोध करते हुए उसकी अच्छाईयों की हिमायत कर रहा हंू।
अब गौर करते हैं राखी के लगातार इस परफॉर्मेंस पर। राखी को बेबाक और बदतमीज राखी बनाने वाले कौन हैं? यह सवाल आपने शायद कभी नहीं सोचा होगा। मैं बताता हंू। जब राखी मिक्का विवाद हुआ तो इसे हवा देने वाला था लोकतंत्र का चौथा स्तंभ। इस स्तंभ ने मामूली सी राखी को इतना सहारा दिया कि वह आगे बढऩे को बेताब हो गई। टेलीविजन की दुनिया की टीआरपी मेकर्स की लिस्ट में आज राखी का नाम सबसे ऊपर इसलिए है, क्योंकि लोग उसे देखना चाहते हैं और टीवी चैनल उन्हें खूब दिखाते हैं। राखी कब किसके बारे में कुछ बोले और न्यूज चैनलों को मसाला मिले। राखी को लेकर रियलिटी शोज बनाना आम सा हो गया है। एक चैनल तो जैसे राखी के ही नाम से अपनी रोटी जुटा रहा है। अब चैनल अपनी टीआरपी बढ़वाने को राखी से ऊल जुलूल हरकतें करवाता है तो इसमें किसकी गलती है? ऐसे तमाम सवाल हैं जो राखी की बुराईयों के लिए जिम्मेदार हैं।
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