विचार कभी सामान्य नहीं होते

विचार तो मन में आते हैं लेकिन हम उन्हें सही दिशा नहीं दे पाते। अपनी आंखों के सामने हर पल कुछ नया देखते हैं लेकिन उसके बारे में सोच नहीं पाते, अगर सोचते हैं तो शब्दों में ढ़ालना मुश्किल है। शब्दों में ढ़ाल भी दें तो उसे मंच देना और भी मुश्किल है। यहां कुछ ऐसे ही विचार जो जरा हटकर हैं, जो देखने में सामान्य हैं लेकिन उनमें एक गहराई छिपी होती है। ऐसे पल जिन पर कई बार हमारी नजर ही नहीं जाती। अपने दिमाग में हर पल आने वाले ऐसे भिन्न विचारों को लेकर पेश है मेरा और आपका यह ब्लॉग....

आपका आकांक्षी....
आफताब अजमत



Monday, November 22, 2010

कैसे खत्म होगा भ्रष्टाचार?

हम आए दिन किसी न किसी भ्रष्टाचार के खुलासे की खबरें अखबारों और टीवी चैनलों में देखते आए हैं। आज एक मंत्री ने घूस ली तो कल एक अधिकारी सुविधा शुल्क मांग रहा है। हम जानते हुए भी इसका शिकार हो रहे हैं। पैसे से पूरी दुनिया को खरीदने और बेचने का सपना देखने वाले लोग तो अपने ईमान तक की खरीद फरोख्त कर रहे हैं लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस घूसखोरी और भ्रष्टाचार से हमें कैसे निजात मिल सकती है? गहराई से देखा जाए तो इसका जवाब भी आपके आसपास ही है।

घूसखोरी और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए हर किसी के अपने विचार हैं. सीबीएसई ने अपने स्टूडेंट्स को जागरुक करने के लिए एक पूरा सप्ताह ही इसके नाम कर दिया। बाबा रामदेव का मत है कि 500 और एक हजार के नोट बंद कर दिए जाएं, भ्रष्टाचार खुद खत्म हो जाएगा। इन सभी मतों के बीच देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के मत से मैं सहमत हंू। देहरादून में एक कार्यक्रम में पहुंचे मिसाइल मैन ने बच्चों के चंचल मन में जो विचार भरा, वह वाकई इससे मुक्ति का एक टॉनिक साबित हो सकता है। डॉ. कलाम का कहना है कि, 'इसे खत्म करने के लिए हमें अपने घरों से शुरुआत करनी होगी. अगर घर में हमारे मम्मी या पापा घूस का पैसा लेकर आते हैं तो हमें उन्हें रोकना होगा। अगर हमारा बड़ा भाई भ्रष्टाचार के रास्ते पर चल पड़ा है तो हमें लगाम लगाना होगा, क्योंकि यह सभी भ्रष्टाचारी किसी न किसी के बाप, भाई या पति होते हैं। हम पैसे और अपनी ऐशपरस्ती के लालच में यह भूल जाते हैं कि हमारा अपना जो अपराध कर रहा है, वह कितना घातक है. चाचा कलाम ने मासूम बच्चों के मानस पटल पर भ्रष्टाचार खत्म करने की जो तरीका फिट किया है, अगर हम सभी अपने बच्चों के दिमाग में यह बात डाल दें तो हमारा भविष्य इससे सुरक्षित हो सकता है। हम खुद इस भ्रष्टाचार को रोकते हुए अपने बच्चे के दिमाग में भी यह बात डाल दें कि इसका नतीजा जनता और देश के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। हम ऐसाा करेंगे तो एक दिन गांधी जी का सपना जरूर साकार होगा। हमारे नेता, हमारे अधिकारी, हमारे क्लर्क सबको अगर उनके बच्चे इस कृत्य से रोकेंगे तो क्या वह नहीं रुकेंगे?

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