विचार कभी सामान्य नहीं होते

विचार तो मन में आते हैं लेकिन हम उन्हें सही दिशा नहीं दे पाते। अपनी आंखों के सामने हर पल कुछ नया देखते हैं लेकिन उसके बारे में सोच नहीं पाते, अगर सोचते हैं तो शब्दों में ढ़ालना मुश्किल है। शब्दों में ढ़ाल भी दें तो उसे मंच देना और भी मुश्किल है। यहां कुछ ऐसे ही विचार जो जरा हटकर हैं, जो देखने में सामान्य हैं लेकिन उनमें एक गहराई छिपी होती है। ऐसे पल जिन पर कई बार हमारी नजर ही नहीं जाती। अपने दिमाग में हर पल आने वाले ऐसे भिन्न विचारों को लेकर पेश है मेरा और आपका यह ब्लॉग....

आपका आकांक्षी....
आफताब अजमत



Tuesday, October 19, 2010

शायद यही प्यार है?

मैं ऑफिस का काम निपटाकर घर निकलने की तैयारी में ही था कि शर्मा जी का फोन आ गया। शर्मा जी फोन पर काफी गुस्से और उत्साह में मालूम हो रहे थे। मैंने कूल माइंड से शर्मा जी का फोन रिसीव किया तो उधर से काफी जल्दबाजी भरी हैलो हुई। इसके बाद शर्मा जी ने मुझे निकट ही एक जगह पर आमंत्रित किया। चूंकि घर जाने की जल्दी थी तो मैंने शर्मा जी से वजह पूछी। इसके बाद शर्मा जी ने निहायत ही गुस्से में एक लड़की की असफल प्रेम कहानी मुझे बता डाली। मामले की संगीनता को देखते हुए मैंने शर्मा जी को ऑफिस ही बुला लिया। वह अपने एक साथी के साथ ऑफिस में आए। उनके चेहरे पर गुस्से के भाव साफ झलक रहे थे। उनके साथ एक निहायत ही कमजोर सी लगने वाली वो लड़की और उसका भाई भी था। शर्मा जी ने बताया कि यही वो लड़की है, जिसका आशिक उसे छोड़कर चला गया। अब वह लगातार उसे और उसकी फैमिली को टॉर्चर कर रहा है। शर्मा जी को गुस्सा इसलिए था कि उनके पड़ोस में रहने वाली बिन बाप की इस बच्ची की वजह से वह सिरफिरा आशिक सबको गालीगलौच करके गया था। खैर, मैंने उस लड़की से बात करनी शुरू की तो उसने बताया कि उसका अफेयर चार साल से चल रहा है, लेकिन उसके प्रेमी ने अब शादी की बात से मुंह फेरना शुरू कर दिया है। मैं अगर उसे प्रेशर करती हूं तो वह मुझे मारता है। सिरफिरे प्रेमी के हौंसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि सोमवार को वह पूरे परिवार को मारपीट और गाली गलौच कर गया। शर्मा जी मुझ पर एंटी खबर छापने का दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे। फिर भी मैंने लड़की से अलग में बात करना मुनासिब समझा। बात की तो रोते हुए उसने अपने प्रेमी का नाम न छापने की गुहार लगाई। जब उसे बताया गया कि पुलिस केस होने पर उसके प्रेमी को जेल भी जाना पड़ सकता है तो उसने मामला न छापने की जिद पकड़ ली। अब हमें कोई जिद तो थी नहीं, जो हम छापते। लेकिन इस प्रेमिका का अपने प्रेमी के प्रति यह प्यार और समर्पण वास्तव में चौंकाने वाला था। चार साल पुराना प्रेमी पूरे सपने बुनने के बाद जब शादी से साफ इंकार कर देता है तो एक समर्पित प्रेमिका के लिए इससे ज्यादा दुख की बात कोई हो ही नहीं सकती। लेकिन यहां यह प्रेमिका इतना सब होने के बावजूद अपने प्रेमी को बचाने पर जुटी थी। मैं भी नहीं समझ पा रहा हूं कि यह सही था या गलत, लेकिन इससे एक बात तो साफ हो गई कि शायद इसी का नाम प्यार है। सिरफिरे आशिक की यह प्रेमिका और उसका यह प्यार मुझे ताउम्र याद रहेगी।

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